Wednesday, May 6, 2015

आज का वैदिक ज्ञान

¶¶¶¶¶वैदिक ज्ञान¶¶¶¶¶

हम गणेश जी यानि गणपति जी की सबसे पहले पूजा करते है उनका ही नाम ले कार्य आरम्भ करते है तो "गणपति" का अर्थ जानते है क्या होता है ?

"गणपति" हमारे इन्द्रियों का गण है..
और इस इन्द्रियों के गण का पति हमारा 'मन' है...
कोनसा भी कार्य सफल करना है तो अपना 'मनरूपी
गणपति' स्थिर होना चाहिए.. चंचल नही..!
इसलिए गणपति जी को प्रथम पूजने का अर्थ ये है
की... अपने मन को कार्य के प्रारम्भ में शांत, स्थिर
रखो... जिस के वजह से कार्य में कोई बाधा ना आये..
और कार्य सफलता पूर्वक हो..!
http://drgauravsai.blogspot.com/

No comments:

Post a Comment