Tuesday, July 12, 2016

साँई का साथ- सबसे प्यारा

:: ।। *साँई का साथ-सबसे प्यारा* ।। ::

साँई से माँग लो तुम चाहे हाथ पसार
बाबा साँई तो झोली भी भर देंगे बेशुमार

बेशुमार दौलत भरी हो चाहे जेब में
पर सारी दौलत चली जायेगी बेकार
मन की शांति तो प्रेम से ही मिलेगी
साँई प्रेम ही है सुखी जीवन का सार

साँई से प्रेम करके तो देख जरा
माँ के आँचल सा होगा अहसास
जीवन में कभी तू अकेला न होगा
बाबा साँई बस जाएंगे तेरी हर साँस

साँस लेना जब हो जाये कठिन
और मुश्किल ले तुझको गर घेर
तब हर साँस में साँई साँई पुकारना
साँई न करेंगे आने में इक पल भी देर

देर न कर जन्म बीता जा रहा
ये मानव जन्म है बड़ा अनमोल
इस जन्म को साँई सुमिरन में लगा
साँई तेरे जीवन में देंगे खुशियाँ घोल

घोल साँई के कहे शब्दों को तू अपने मन में
ताकि विनम्रता और संस्कार आये जीवन में

जीवन में मित्र की कमी थी मुझ नन्हे को
तब साँई तुम मुझे मित्र रूप में मिल गए
तुमने गुरू बन भी मुझको शिक्षा दी अनेक
तब से मुझ अभागी के सोये भाग खुल गए

बरसो से मेरी बंद किस्मत पल में खुल गयी
और कहने लगी- "गौरव तू अबसे भाग्यवान है"
क्योकि अब तेरे हर शब्द में बाबा साँई है बसते
बाबा साँई के नाम से जग में अब तेरी पहचान है
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