Sunday, May 17, 2015

साँई दर्श

साँई स्वीकार करो ये स्नेह भरी चरण स्पर्श
ताकि ये चंचल मन पाये अत्यंत हर्ष
संग जो हो जाये आपके मनभावन दृश्
गुणगान कर चहुँ ओर पहुचाउ आपका यश

साईं दर्श की चाह रख कर रहा मैं अरदास
सफल हो मेरा नेक काम में किया प्रयास
साँई साँई सुमिरन करे मेरी ये हर साँस
ताकि जीवन चहके जो था अब तक उदास

इंतजार ख़ुशी का करना नही होगा
खुशियाँ चल आएगी खुद अपने आँगन
क्योकि साँई का हमने साथ माँग लिया
तो बरसेगा अब सब पर साई कृपा का सावन

दर्शन देने आये जब बाबा साँई
देखके उनको ये आँखे भर आई
जो भी मन में पली थी दुविधा मेरे
बाबा साँई ने इक पल में दूर है हटाई

प्यास जन्म जन्मों की है साँई मिलन की
किसी जन्म में तो मोहे साँई मिलेंगे
प्यास बुझाएंगे मेरी जन्म जन्मों की
तब चिंता न रहेगी मुझे जीवन मरण की

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