Monday, October 28, 2019

साँई मिलन

*साँई मिलन*

नाम तेरा जुबाँ पर रहे सदा
और तेरा नाम लेती रहे साँस
सबकी मन मुरादे पूरी हो जाये
बस साँई तुझसे इतनी अरदास

साँई संग जुड़े रहे तो
कहलाओगे तुम अमूल्य
साँई से दूरी गर बनी ली
तो समझो तुम हो शून्य

साँई दर्शन की प्यास जगी
जाने कब से हूँ यूँ मैं प्यासा
कोई तो जाके साँई को बता दे
रिझाऊँ मैं उन्हें किस भाषा 

साँई तुझे मैं इधर उधर ढूंढू
लगता न जाने कितनी हैं दूरी
मैं हूँ बिल्कुल उस मृग समान
जो मृग ढूंढे इधर उधर कस्तूरी

साँई से मिलन का करो इंतजार
क्योंकि सब्र का फल होता मीठा
राम मिलन भी कहाँ हुआ जल्दी
कितने समय प्रतीक्षा की माँ सीता

साँई जब तुमसे मिलन हो
वक्त सदा के लिये ठहर जाए
बस इतनी सी मेरी आरजू हैं
ये मन की तमन्ना पूरी हो जाये

भूखे को भोजन दो
होगा साँई से मिलन
नर में ही नारायण हैं
सब मे करो साँई दर्शन

2 comments:

  1. अति उत्तम। सच में हर एक शब्द दिल से निकला है। उसमें भी
    "साँई जब तुमसे मिलन हो
    वक्त सदा के लिये ठहर जाए।"

    बहुत सुंदर👌

    "भूखे को भोजन दो...."

    साईं से मिलन की अरदास हो तो यह काफी जरूरी है और बाबा का यही उपदेश है।

    बाबाजी की कृपा हमेशा आप पर बनी रहे🙏

    🙏 ॐ साईं राम 🙏

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