Tuesday, March 31, 2015

आज का वैदिक ज्ञान

:::::::::--वैदिक ज्ञान--::::::::::
मंगलवार,एकादशी,31/3/15

एकादशी में चावल वर्जित क्यो ?

एकादशी के दिन चावल न खाने के संदर्भ में यह
जानना आवश्यक है कि चावल और अन्य अन्नों की
खेती में क्या अंतर है. यह सर्वविदित है कि चावल की
खेती के लिए सर्वाधिक जल की आवश्यकता होती
है. एकादशी का व्रत इंद्रियों सहित मन के निग्रह के
लिए किया जाता है. ऎसे में यह आवश्यक है कि उस
वस्तु का कम से कम या बिल्कुल नहीं उपयोग किया
जाए जिसमें जलीय तत्व की मात्रा अधिक होती है.
कारण- चंद्र का संबंध जल से है. वह जल को अपनी ओर
आकषित करता है. यदि व्रती चावल का भोजन करे
तो चंद्रकिरणें उसके शरीर के संपूर्ण जलीय अंश को
तरंगित करेंगी. परिणामत: मन में विक्षेप और संशय का
जागरण होगा. इस कारण व्रती अपने व्रत से गिर
जाएगा या जिस एकाग्रता से उसे व्रत के अन्य कर्म-
स्तुति पाठ, जप, श्रवण एवं मननादि करने थे, उन्हें सही
प्रकार से नहीं कर पाएगा. ज्ञातव्य हो कि औषधि
के साथ पथ्य का भी ध्यान रखना आवश्यक होता है.

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