Tuesday, January 14, 2020

साँई आपसे ही हैं ये जीवन

मैं इक अँधा बन्दा हूँ आपका
साँई दिखाओ मुझे सही राह
और नही चाह जीवन में कुछ
बस आपकी लीलाएँ देखूँ अथाह

बाबा साँई तू है अथाह सागर
मैं हूँ नदियाँ की अल्हड़ धारा
आखिर में तुझमे ही आ मिलता
भला तेरे बिन कहाँ जाये ये बेचारा

बेचारा लाचार सा था मैं तब तक
साँई जब तक ना तुझसे था मिला
तुझसे मिल जिंदगी मेरी बन गयी
साँई अब इस जिंदगी से न कोई गिला

बिन माँगे तू सब कुछ दे देता
सबकी झोलियाँ तू देता हैं भर
हमारे चेहरे पर मुस्कान हैं रहती
ऐसा हैं साँई तेरी संगत का असर

1 comment:

  1. Om Sairam 🙏
    बिना मांगे तू सब कुछ दे देता
    सच में बाबाजी की लीला को सभी भक्त की और से बहुत अच्छे से व्यक्त की है।
    हमेशा हम सभी को ऐसा ही लगता है जो इसमें अभिव्यक्त किया गया है।
    बाबाजी की कृपा हमेशा आप पर बनी रहे।
    ॐ साईं राम

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