Friday, May 6, 2016

How do we see Baba Sai ?

बाबा को हम सभी का देखने का नजरिया अलग अलग है.......

कोई बाबा को मूर्ति रूप में देखता है,
तो कोई बाबा को अपने सपनो में बाबा को देखता है एवम् बाबा को खुद के साथ महसूस करता है,
कोई मन्दिर जाकर आरती में बाबा को महसूस करता है,
तो कोई भजन सुनते समय बाबा को महसूस करता है,
तो कोई श्री साँई सच्चरित्र में बाबा को देखता है कि जिसने उस वक्त कितने लोगो में प्रेम बांटा कितने लोगो का भला किया ,
तो कुछ भक्त ऐसे भी है जो खुद के साथ बाबा की अद्भुत लीलाओ के माध्यम से बाबा को महसूस करते है,
और कुछ लोग वो भी है जो अपने कार्यो में बाबा को पाते है ।

सबका अपना अपना नजरिया है बाबा को देखने का और बाबा की मौजूदगी महसूस करने का ......
परन्तु-
The luckiest are the ones who identify their own actions as the outcome of inner motivations generated by Baba.
The best devotees are those who in every motivation and action find the play of His Divine play-लीला .

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