ना कोई तारीफ मेरी, ना मुझमें कुछ खास
साईं के दर्शन की रखता हूं आस
इस दुनियावी चोले को गौरव कहते हैं लोग
साईं नाम जाप का पाया है सुयोग
जयपुर मे बाबा ने डलवाया है डेरा
यही बस सीधा सा परिचय है मेरा
बाबा ने हाथ पकडा और कृपा की अपार
इक साईं स्तुति की रचना करवाई अपरम्पार
मैं तो एक अदना सा प्राणी हूँ
न मेरा किस्सा न कहानी है
साई का जीवन साई ही के नाम है
साई साई रटता हूँ यही मेरा काम है
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