::::::::।। वैदिक ज्ञान ।।:::::::::::
सोमवार, 30-3-15
~भगवान शिव का जल से अभिषेक क्यों किया जाता है ?
:- शिव जी के मस्तक पर जल अर्पण करने की परंपरा चली आ रही है
पर बहुत से भक्तो को ये नहीं मालूम है की ऐसा क्यों किया किया जाता है...समुद्रमंथन के दौरान निकले हलाहल विष को श्रृष्टि को विनाश से बचाने भगवान भोलेनाथ ने पिया था और इस विष को पेट में जाने से बचाने के लिए पार्वती जी ने उनका गला दबाया...
इसके
कारण भगवान शिव का गला नीला पड़ गया और
वे
शिवजी नीलकंठ महादेव कहलाये...
और
जिस स्थान पर उन्होंने ये विष पिया वो जगह नीलकंठ
कहलाया....
विषपान से शिवजी का माथा गर्म हो चूका था ,तब देवताओ ने शिव जी के मस्तक पर जलाभिषेक किया...तभी से शिव जी के मस्तक पर जलाभिषेक की परंपरा चली आ रही है...
गढ़वाल, उत्तरांचल में हिमालय पर्वतों के तल में बसा ऋषिकेश में नीलकंठ महादेव मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल है।
नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश के सबसे पूज्य मंदिरों में
से एक है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने इसी
स्थान पर समुद्र मंथन से निकला विष ग्रहण किया गया था।
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