:: ll साँई - दर्श ll ::
जो निस्वार्थ नेकी करे
उन्हें साँई मिल जाय
भक्ति की क्या जरूरत
गरीबो में साँई दर्श पा जाय l
दर्श साँई के करने की
मन में जगी इक अभिलाषा
गुजराती मेघा की जीवनी पढ़ी
समझ में आई भक्ति की परिभाषा l
बाबा साँई दर्श देते नही आसानी से
सुना है करनी पड़ती है बड़ी तपस्या
किसी बेसहारे का तुम सहारा बन जाओ
साँई दर्श होंगे उनमे,दूर होगी सब समस्या l
फलयुक्त वृक्ष भाँति विनम्र बन
और छोड़ दे बंदे तू अभिमान
साँई दर्श तुझको हो जायेंगे
बन जायेगा तू गुणों की खान l
लोग कहते है साँई दर्श हो तो
वो हमेशा अच्छे बनकर रहेंगे
गर अच्छे बन कर ही रह लो
तो बाबा साँई तुम्हे जरूर मिलेंगे l
बाबा साँई के दर्श हो जाये गर,
लगे ज्यों अमृत का प्याला पीना
और बाबा साँई गर हुए मुझसे दूर,
लगे ज्यो तिल तिल हर दिन मरना
No comments:
Post a Comment