""""!साँई तेरा गौरव!""""
गौरव करूं मैं इन शब्दों पर
जिनमे साँई तेरा नाम है बसे
खुद को भूल कर तुझे चाहूँ
चाहे ये दुनिया मुझ पर हसे
साँई युही बना रहे तेरा गौरव
तेरा ही बखान करे समस्त भव
जिसकी जिव्हा से निकले तेरा नाम
उसके कठिन काम भी हो जाये सम्भव
जमाना रूठे साँई तू न रूठना
सदा मेरे दिल विच ही रहना
दिल में गूँजे तेरे नाम की कलरव
तेरा ही बखान करे तेरा ये गौरव
साँई तुझसे मेरी इतनी अरदास है
कि तेरी शिर्डी में मेरा इक ठिकाना रहे
तेरे चरणों में रहूँ सदा बनके दास
और तेरा ''गौरव'' युही बना रहे
http://drgauravsai.blogspot.com/
No comments:
Post a Comment